देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने भारतीय जनता पार्टी पर केदारनाथ धाम में धार्मिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के कुछ कार्यकर्ता केदारनाथ धाम पहुंचे और वहां पार्टी का झंडा लहराया व नारेबाजी की, जबकि वर्तमान में धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हैं और तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर रोक है।
शीशपाल सिंह बिष्ट ने इस घटना को "आस्था को आहत करने वाला कृत्य" बताया और कहा कि इस प्रकार के कदम करोड़ों सनातन श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। उन्होंने पूछा कि जब कपाट विधिपूर्वक अभी खुले नहीं हैं, तब भाजपा कार्यकर्ता वहां कैसे पहुंचे और किसने उन्हें यह अनुमति दी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा केवल दिखावटी तरीके से सनातन संस्कृति का सम्मान करती है, लेकिन व्यवहार में धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के साथ छेड़छाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ जैसे पवित्र स्थल पर राजनीतिक गतिविधियों का आयोजन न केवल अनुचित है, बल्कि इससे धार्मिक स्थलों की गरिमा भी प्रभावित होती है।
बिष्ट ने यह भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को गांवों में जनसंपर्क करने में कठिनाई हो रही है, इसलिए वे इस प्रकार के धार्मिक प्रतीकों का उपयोग कर भावनात्मक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने भी इस घटना पर आपत्ति जताई है।
कांग्रेस ने इस पूरे मामले को जनता के सामने उठाने की बात कही है और भाजपा से स्पष्ट जवाब मांगा है कि धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देने का अधिकार उन्हें किसने दिया।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब राजनीतिक दल ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क को लेकर सक्रिय हैं और धार्मिक स्थलों की गरिमा को लेकर समाज में संवेदनशीलता बनी हुई है।