उत्तराखंड में जल्द शुरू होने जा रही चार धाम यात्रा को लेकर तैयारियों पर सवाल उठते नजर आ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने एक प्रेस वार्ता में यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार यात्रियों के पंजीकरण को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है, जिससे भविष्य में अव्यवस्था की संभावना बढ़ सकती है।
धस्माना का कहना है कि सरकार एक ओर ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह भी कह रही है कि बिना पंजीकरण के आए यात्रियों को भी यात्रा की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने इसे यात्रा के दौरान संभावित अव्यवस्था का संकेत बताया।
उन्होंने बताया कि यात्रा मार्गों की भार वहन क्षमता को लेकर IIM रोहतक द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से राज्य के पर्यटन मंत्री ही अनजान हैं, जबकि मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा बैठकें कर चुके हैं। धस्माना का मानना है कि यह रिपोर्ट यात्रा प्रबंधन के लिए अहम है और इसे ध्यान में रखना आवश्यक है।
पिछले वर्षों के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि 2023 में यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन के मोर्चे पर कई जगह चुनौती देखने को मिली थी। पुलिस बैरिकेडिंग तक हटा दी गई थी। साथ ही, केदारनाथ घाटी में आई प्राकृतिक आपदा से यात्रा प्रभावित हुई थी और सामान्य स्थिति बहाल होने में समय लगा।
यात्रा मार्गों पर सड़क सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई। उनके अनुसार, पिछले पांच वर्षों में औसतन हर साल सड़क दुर्घटनाओं में एक हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं, 2025 की पहली तिमाही में ही 275 लोगों की जान सड़क हादसों में जा चुकी है।
धस्माना ने कहा कि चार धाम यात्रा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और आजीविका से भी जुड़ी है। उन्होंने सरकार से यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, आवास और दर्शन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि यात्रा मार्गों और शहरों की भार वहन क्षमता का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह और श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल भी उपस्थित रहे।