उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य में पंचायत चुनाव न कराए जाने को लेकर भाजपा सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संविधान की अनदेखी कर रही है और जानबूझ कर पंचायत चुनाव टाले जा रहे हैं।
गरिमा ने कहा, "राज्य सरकार की यह रणनीति जानबूझ कर बनाई गई है ताकि परिस्थितियों को अपने पक्ष में किया जा सके।" उन्होंने यह भी कहा कि पहले राज्य में निकाय चुनावों में डेढ़ साल का विलंब हुआ और अब पंचायत चुनावों की आरक्षण प्रक्रिया में देरी हुई, जिससे चुनाव टलने की स्थिति उत्पन्न हो गई।
दसौनी ने कहा कि पंचायत चुनाव लोकतंत्र की नींव होते हैं, और जब नींव ही कमजोर होगी, तो एक मजबूत लोकतंत्र की कल्पना बेमानी हो जाती है। उन्होंने राज्य सरकार से यह सवाल किया कि यदि चार धाम यात्रा का कारण पंचायत चुनाव न कराना है, तो यात्रा शुरू होने से पहले चार महीने क्यों बर्बाद किए गए और दिसंबर से मार्च तक चुनाव क्यों नहीं कराए गए।
इसके अलावा, उन्होंने राज्य सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि भाजपा एक ओर दावा कर रही है कि चार धाम यात्रा अब साल भर चलने वाली है, तो क्या इसका मतलब यह है कि प्रदेश में अन्य कोई कार्य नहीं होंगे?
दसौनी ने भाजपा को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार की नीतियां लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने राज्य सरकार से पंचायत चुनाव जल्दी कराने की मांग की और कहा कि यह लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए जरूरी है।