देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन को संगठन के लिए एक नई उम्मीद की किरण बताया है। उन्होंने कहा कि अधिवेशन के दौरान लिए जा रहे निर्णयों से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है, खासतौर पर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को लेकर।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी द्वारा प्रदेश और जिला स्तर पर पार्टी अध्यक्षों को अधिक अधिकार और मजबूती देने की बात सामने आई है, जिससे पार्टी के लोकतांत्रिक स्वरूप को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की संभावना बढ़ी है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह प्रक्रिया केवल प्रदेश और जिला स्तर तक सीमित न रहकर ब्लॉक और मंडल स्तर तक विस्तार पाए, जिससे पार्टी संगठन को वास्तविक मजबूती मिल सके।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में शीर्ष नेतृत्व के केंद्रीकरण और गुटबाजी की वजह से पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ा है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विभिन्न स्तरों पर गुटीय राजनीति ने पार्टी की एकता और संगठनात्मक मजबूती को नुकसान पहुंचाया है।
अधिवेशन से पार्टी में विकेंद्रीकरण की दिशा में जो संकेत मिले हैं, उसे धीरेंद्र प्रताप ने सकारात्मक बताया और उम्मीद जताई कि इससे कांग्रेस जमीनी स्तर पर फिर से सक्रिय हो सकेगी।
राहुल गांधी के प्रयासों को उन्होंने "नई क्रांति की ललक" करार देते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी नई दिशा में आगे बढ़ सकती है। उन्होंने आशा जताई कि कांग्रेस आगामी समय में संगठनात्मक तौर पर अधिक सक्रिय और समावेशी रूप में सामने आएगी।
कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन को संगठनात्मक सुधार और जमीनी जुड़ाव की दिशा में एक अहम पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर एक नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार हो रहा है।