देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में कृषि और उद्यान क्षेत्र से जुड़ी पांच नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य के किसानों की आर्थिकी को बल मिलने की संभावना जताई जा रही है। इन योजनाओं को स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश में कृषि क्षेत्र को नए स्वरोजगार अवसरों के रूप में विकसित करने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इन निर्णयों को सराहनीय बताते हुए कहा है कि यह पहल किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि कीवी, मिलेट (मोटे अनाज), ड्रैगन फ्रूट की खेती, सीएम सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना और सेब तुड़ाई से जुड़ी योजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से कृषि क्षेत्र में नवाचार और वैविध्य को बढ़ावा मिलेगा।
चौहान का मानना है कि इन योजनाओं के ज़रिए न केवल किसानों को नई फसलों और आधुनिक कृषि तकनीकों से जुड़ने का अवसर मिलेगा, बल्कि युवा वर्ग भी स्वरोजगार के लिए कृषि क्षेत्र को विकल्प के रूप में अपना सकता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन पर भी अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार पहले से ही पारंपरिक खेती और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य कर रही है, जिसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है। नई योजनाएं इस दिशा को और गति देने का काम करेंगी।
प्रदेश में कृषि और उद्यान को पर्यटन के साथ जोड़ने की योजना पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से मजबूत किया जा सके।
कुल मिलाकर, सरकार के इन फैसलों को राज्य में कृषि क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ाने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।