देहरादून, 9 मार्च। भाजपा ने कर्नाटक में मुस्लिमों को विकास कार्यों में आरक्षण देने की नीति को कांग्रेस का विभाजनकारी एजेंडा करार दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि धर्म के आधार पर सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में भेदभाव करना असंवैधानिक और समाज को बांटने वाला कदम है।
कांग्रेस की नीतियां न्यायालय की रोक के बावजूद जारी
भट्ट ने कहा कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने अब एक करोड़ तक के सरकारी टेंडरों में 4% हिस्सा मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा है, जो कि असंवैधानिक और अन्य समुदायों के साथ भेदभावपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस तरह की नीतियों को पहले भी अदालतों ने अवैध ठहराया है, लेकिन कांग्रेस बार-बार इस तरह के फैसले लेती रही है, जो देश की एकता और समानता के खिलाफ हैं।
उत्तराखंड में भी कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति
महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड की जनता कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति से भली-भांति परिचित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने नमाज के लिए छुट्टी की घोषणा की थी, और मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का गुप्त वादा किया था। इसके अलावा, कांग्रेस की विचारधारा दंगाइयों और गौहत्या करने वालों के समर्थन में खड़ी रही है, जिससे जनता का भरोसा इस पार्टी से उठ चुका है।
कांग्रेस पर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप
भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारें अपने केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, और अपने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने के लिए इस तरह के निर्णय ले रही है। लेकिन देश और प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस एजेंडे को समझ चुकी है और हर चुनाव में उसे करारा जवाब दे रही है।