देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें महिलाओं के पुनर्वास, सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर कई अहम मांगें रखी गईं।
नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं के पुनर्वास की मांग
ज्ञापन में नारी निकेतन में निवास कर रही महिलाओं (संवासिनियों) के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए ठोस योजना की जरूरत पर जोर दिया गया। उत्तराखंड क्रांति दल ने मांग की कि जिन महिलाएं समाज का हिस्सा बनना चाहती हैं, उनका पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, उन्हें राजभवन में आयोजित बसंत उत्सव में भाग लेने का अवसर दिया जाए।
‘घसियारी योजना’ को हंसा धनई के नाम से पुनः शुरू करने की मांग
रावत ने ज्ञापन में कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं के लिए चलाई जा रही एकमात्र 'घसियारी योजना' को बंद कर इसे राज्य आंदोलनकारी स्वर्गीय हंसा धनई के नाम से 'हंसा अभियान योजना' के रूप में पुनः लागू किया जाए। इसके तहत प्रत्येक महिला को 5100 रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि दी जाए।
महिला सुरक्षा और आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता
ज्ञापन में राज्य में बढ़ते महिला अपराधों पर चिंता व्यक्त की गई और उनकी सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने की मांग की गई। इसके तहत स्कूल स्तर पर ही बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग
रावत ने उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में गर्भवती और बीमार महिलाओं को पालकी में अस्पताल ले जाने की मजबूरी को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने मांग की कि प्रत्येक गांव में महिलाओं की गणना कर उनके भौगोलिक आधार पर योजनाएं बनाई जाएं, जिससे उनकी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो सकें।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए तकनीकी शिक्षा और रोजगार की पहल
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि महिलाओं और बालिकाओं के लिए विश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाए और साथ ही, गांवों में ही उनके लिए रोजगार सुनिश्चित किया जाए, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
उत्तराखंड क्रांति दल ने इन मांगों को जल्द से जल्द लागू करने की अपील की है ताकि राज्य की महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और बेहतर जीवन स्तर मिल सके।