उत्तराखंड में खनन को लेकर चल रही राजनीतिक बहस के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि सरकार ने अनियमितताओं पर नियंत्रण पाया है।
महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब अवैध गतिविधियां होती हैं, तो राजस्व में गिरावट आती है, लेकिन उत्तराखंड में खनन से प्राप्त राजस्व 300 करोड़ से बढ़कर 1,000 करोड़ रुपये के पार चला गया है। उनके अनुसार, यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी नीतियों और प्रशासनिक सुधारों का परिणाम है, जिसे सराहा जाना चाहिए।
प्रेस से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों के समय खनन नीति माफियाओं के साथ बैठकर बनाई जाती थी, जबकि मौजूदा सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहा है, जबकि यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है।
भट्ट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि अधिकांश सांगठनिक जिलों में नए अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं और जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व द्वारा चुनाव तिथि घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी यह प्रक्रिया लंबित है और संसद सत्र की व्यस्तताओं के कारण इसमें थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
रानीखेत के जिला अध्यक्ष के चयन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में आए नामों को अधिक उम्र के कारण अस्वीकार किया गया था।
भट्ट ने विपक्ष के उन आरोपों को भी निराधार बताया, जिनमें कहा गया था कि खनन से राज्य को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए हैं और बिना किसी आधार के इसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ की गई शिकायत तर्कों के अभाव में उठाया गया कदम है।
भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार नीतिगत सुधारों के जरिए राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास कर रही है और खनन से मिलने वाला बढ़ा हुआ राजस्व इसका उदाहरण है।