देहरादून में आयोजित एक प्रेस बातचीत के दौरान उत्तराखंड भाजपा ने कांग्रेस की आगामी दिल्ली रैली को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और दोनों दलों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रतिआरोप एक बार फिर तेज हो गए हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की रैली का उद्देश्य राजनीतिक मुद्दों को उठाना है, लेकिन इस दौरान भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर अतीत में चुनावी अनियमितताओं के आरोप भी दोहराए।
भट्ट ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि कांग्रेस द्वारा चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाने का समय और तरीका राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने दावा किया कि चुनावी प्रक्रिया में हुए सुधारों और तकनीकी पारदर्शिता बढ़ने के साथ कांग्रेस को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उनके अनुसार, वर्षों से चुनाव व्यवस्था में सुधार होने के बाद मतदाताओं का समर्थन कांग्रेस से दूर होता गया।
इसी संदर्भ में उन्होंने दिल्ली की एक अदालत में विचाराधीन एक मामले का उल्लेख किया, जिसमें कांग्रेस नेतृत्व से जुड़े एक पुराने विवाद पर सुनवाई चल रही है। भट्ट ने कहा कि कानूनी प्रक्रियाएँ अपनी दिशा में आगे बढ़ रही हैं और ऐसे मामलों का निर्णय अदालतों पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समय-समय पर मतदाता सूची या चुनावी प्रक्रियाओं से जुड़े मामलों में राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप लगाए जाते रहे हैं, जिससे राजनीतिक टकराव और बढ़ता है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न राज्यों—जैसे महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार—में चुनावों के दौरान भी इस तरह के मुद्दे उठे, लेकिन अंततः जनता ने अपने मत के माध्यम से अपनी राय स्पष्ट रखी। उन्होंने कहा कि देश में पिछले एक दशक में केंद्र और प्रदेश स्तर पर सत्ता परिवर्तन के पीछे मतदाताओं की सोच और विकास संबंधी अपेक्षाएँ बड़ी भूमिका निभाती रही हैं।
भट्ट ने यह भी जोड़ा कि राजनीतिक दलों के अपने स्वार्थ और रणनीतियाँ हो सकती हैं, लेकिन जनता अक्सर उन मुद्दों को महत्व देती है जो उनकी रोजमर्रा की जरूरतों और विकास से जुड़े हों। उनके अनुसार, वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारें विकास कार्यक्रमों पर जोर दे रही हैं और जनता भी इन नीतियों का प्रभाव महसूस कर रही है।
भाजपा नेता ने कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति भी व्यक्त की और कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद प्रत्येक दल को अपने नेतृत्व और आंतरिक दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश की राजनीति जनता के मुद्दों और विकास कार्यों पर केंद्रित रहेगी।
राजनीतिक गलियारों में दोनों दलों के बीच यह बयानबाज़ी जारी है, जबकि आने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों और चुनावी गतिविधियों को देखते हुए प्रदेश में राजनीतिक माहौल और गर्माने की संभावना है।
