उत्तराखंड कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी के रवैये पर उठाए सवाल



देहरादून – उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के व्यवहार को उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिनों में सदन में स्पीकर का रवैया निष्पक्षता से दूर रहा, जिससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है बल्कि उनके पिता, भुवन चंद्र खंडूरी की छवि पर भी असर पड़ा है।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सदन में पर्वतीय मूल के विधायकों को ‘शराबी’ कहकर पूरे पहाड़ी समाज को बदनाम करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है और इससे गलत संदेश गया है कि “सूर्यास्त, उत्तराखंड मस्त।”

उन्होंने निर्दलीय विधायक मदन सिंह बिष्ट को ‘शराबी’ कहे जाने पर भी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष चुप्पी साधे रहीं। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि मदन सिंह बिष्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भारी मतों से जीता था और उनकी द्वाराहाट से जीत भी मामूली नहीं थी। उनका अपमान गरीब और साधारण परिवार से आने वाले हर व्यक्ति का अपमान है।

उन्होंने कहा कि मदन सिंह बिष्ट और उनकी पत्नी जनता के बीच लोकप्रिय नेता हैं और विधानसभा में की गई टिप्पणी के लिए मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से भी पद की गरिमा के अनुरूप आचरण न करने के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने की मांग की।

धीरेंद्र प्रताप ने आगे कहा कि 2027 के विधानसभा चुनावों में जनता इस अपमान का जवाब देगी। उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को ‘राज्य का सबसे बदतमीज विधायक’ करार देते हुए कहा कि उनके व्यवहार और कार्यशैली को देखकर यह उनकी किस्मत ही है कि अब तक जनता ने उन्हें बख्शा हुआ है।


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