उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष बर्थवाल से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बर्थवाल को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी और राज्य आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
धीरेंद्र प्रताप के साथ उनके तीन अन्य साथी, जिनमें चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय प्रवक्ता महेश जोशी, देहरादून जनपद के अध्यक्ष विशंभर बोठियाल और ललित भद्री भी शामिल थे, ने सुभाष बर्थवाल से करीब एक घंटे तक चर्चा की। इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने, उनके सम्मान में स्मारक निर्माण, और अन्य कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि सुभाष बर्थवाल ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और पेंशन बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई। बर्थवाल ने कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि राज्य आंदोलनकारियों को ₹25,000 पेंशन मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे आंदोलनकारियों के मुद्दों को गंभीरता से लेकर जल्द समाधान की दिशा में कदम उठाएंगे।
बर्थवाल ने इस अवसर पर धीरेंद्र प्रताप और उनके साथियों द्वारा उठाई गई मांगों को न्यायोचित बताया और क्षैतिज आरक्षण में आ रही बाधाओं को जल्द दूर करने का संकल्प लिया। इसके साथ ही, उन्होंने धीरेंद्र प्रताप को बैसाखी त्योहार के मौके पर सम्मानित करते हुए आंदोलनकारियों के हित में कार्य करने के लिए पूरा सहयोग देने का आग्रह किया।
धीरेंद्र प्रताप ने भी नवनियुक्त अध्यक्ष से मिलने के बाद सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के सवालों पर उचित कदम उठाने की उम्मीद जताई। उन्होंने बताया कि बर्थवाल ने एक महीने का समय मांगा है, जिससे वे अपनी टीम के साथ इन मुद्दों पर कार्यवाही कर सकें।
हालांकि, प्रताप ने यह भी घोषणा की कि 14 अप्रैल को गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती के मौके पर राज्यव्यापी विरोध दिवस के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन 16 अप्रैल को देहरादून के एसएसपी कार्यालय के सामने आंदोलनकारी संयुक्त मंच द्वारा तय कार्यक्रम को जारी रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि देहरादून में कोचिंग माफिया द्वारा क्षैतिज आरक्षण में डाली जा रही बाधाओं के खिलाफ यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा।
नवनियुक्त अध्यक्ष सुभाष बर्थवाल ने इस आंदोलन में आंदोलनकारियों के साथ रहने का आश्वासन दिया और जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर क्षैतिज आरक्षण में आ रही समस्याओं को हल करने का निर्णय लिया।