देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ी समाज के खिलाफ कथित अभद्र भाषा के प्रयोग की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने सरकार से मांग की है कि उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए, अन्यथा बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
यूकेडी के पूर्व अध्यक्ष और संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि इस टिप्पणी से उत्तराखंड के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और इससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंची है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं की तो पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की मांग
यूकेडी ने उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी और वन विभाग में सामने आए कथित भ्रष्टाचार पर भी सरकार को घेरा। ऐरी ने कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
वन विभाग में बजट के दुरुपयोग का मामला भी पार्टी ने उठाया। ऐरी ने कहा कि हाल ही में सामने आए खुलासों के अनुसार, विभागीय अधिकारियों ने सरकारी बजट से अपने लिए आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, कूलर और टीवी जैसे व्यक्तिगत सामान खरीदे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
'भ्रष्टाचार और माफिया राज' पर नाराजगी
यूकेडी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि की जगह भ्रष्टाचार और माफिया गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है। पार्टी ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर भ्रष्टाचार पर जल्द रोक नहीं लगाई गई, तो 1994 के आंदोलन की तर्ज पर एक और बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
इस प्रेस वार्ता में यूकेडी संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती, पंकज व्यास, राजेश्वरी रावत, बहादुर सिंह रावत, विजय बौड़ाई, अनूप पवार, देवचंद उत्तराखंडी, पुष्कर सिंह गोसाई, मनोज कंडवाल और मनोज मिश्रा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।