देहरादून: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर हो रही कार्रवाई का समर्थन किया है और कांग्रेस पर तुष्टिकरण नीति का आरोप लगाया। भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार को अब तक बंद किए गए मदरसों की फंडिंग की जांच करनी चाहिए और इस कार्यवाही को समर्थन देने वाले तत्वों की पहचान करना भी आवश्यक है।
भट्ट ने देवभूमि जैसे शांतिपूर्ण और सभ्य प्रदेश में नियमों के बिना और बगैर अनुमति के मदरसों के संचालन को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि अवैध संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि ये संस्थान न केवल राज्य की डेमोग्राफी बल्कि समाज के भविष्य को प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हो रही इस कार्रवाई को ऐतिहासिक और युग प्रवर्तक कदम बताया और कहा कि भाजपा राज्य के शांतिपूर्ण माहौल और देवभूमि के स्वरूप को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भट्ट ने यह भी सवाल उठाया कि अवैध मदरसों को बिना किसी सरकारी सहायता के कैसे चलाया जा रहा था और कौन सी संस्थाएं उन्हें फंडिंग कर रही थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मदरसों पर विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भट्ट ने आरोप लगाया कि रावत हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी रावत मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जुम्मे की नमाज के मुद्दों को लेकर चर्चा में आए थे, लेकिन अब जब वे सत्ता में नहीं हैं, तो इन मुद्दों से पलट गए हैं।
भट्ट ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह अवैध मदरसों के समर्थन में क्यों खड़ी है। उनका सवाल था कि क्या कांग्रेस इस बात की गारंटी दे सकती है कि इन मदरसों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो रहा और क्या इन संस्थानों में कट्टरपंथी शिक्षा के कारण राज्य का माहौल बिगड़ेगा?
उन्होंने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया कि वे इन मुद्दों पर उत्तराखंड की छवि और शांति बनाए रखने के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। साथ ही, भट्ट ने कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी कि अब समय आ गया है जब उन्हें उत्तराखंड के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी पार्टी के आलाकमान के खिलाफ भी जाना पड़े।