उत्तराखंड में जिहाद को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं की हालिया टिप्पणियों पर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस पर विशेष समुदाय को तुष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिहाद को क्रांति से जोड़ना देश और प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने मीडिया में दिए एक बयान में कहा कि कांग्रेस के नेता जिहाद शब्द को नए संदर्भ में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो तुष्टिकरण की चरम सीमा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जिहाद का पारंपरिक अर्थ स्पष्ट है और इसे क्रांति से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। भट्ट ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा अवैध मदरसों और मजारों को लेकर दिए गए बयानों से जनता में असंतोष है, और चुनावों में इसका उत्तर जरूर मिलेगा।
भट्ट ने यह भी कहा कि उत्तराखंड जैसे राष्ट्रवादी भावना वाले राज्य में जिहाद को महिमामंडित करना शहीदों और क्रांतिकारियों के बलिदान के प्रति अनादर है। उन्होंने कांग्रेस से अपने बयानों के लिए जनता से माफी मांगने की मांग की।
वहीं, लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत ने कांग्रेस पर मुस्लिमपरस्त राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसी व्यवस्थाओं की जड़ कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता जिहाद की अवधारणा को समझे बिना उस पर टिप्पणी कर रहे हैं, जो भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है।
रावत का कहना है कि जिहाद का अर्थ केवल संघर्ष नहीं बल्कि धार्मिक कट्टरता के रूप में भी लिया जाता है, और ऐसे संवेदनशील विषयों पर विचार व्यक्त करते समय सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राजनीति से कांग्रेस को ही नुकसान हो रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चार धाम यात्रा जैसे धार्मिक विषयों से लेकर सांप्रदायिक मुद्दों तक, प्रदेश में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने आधार को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। जनता किसे समर्थन देगी, यह आने वाला समय बताएगा।