उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर जारी कार्रवाई को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा दिए गए विरोधात्मक बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह विरोध "तुष्टिकरण की राजनीति" से प्रेरित है और इससे कुछ नेताओं की असहजता झलकती है।
कैंथोला का कहना है कि धामी सरकार द्वारा अवैध मदरसों पर की जा रही कार्रवाई को प्रदेश की जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है, जबकि विपक्ष के कुछ नेताओं द्वारा इसका विरोध किया जाना कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध संस्थानों की फंडिंग की जांच से कुछ नेताओं की नज़दीकी या संलिप्तता उजागर होने की आशंका हो सकती है, जिससे यह प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मदरसों की फंडिंग की जांच के आदेश से यह तय होगा कि किन संस्थानों को किन स्रोतों से आर्थिक सहायता मिल रही है और क्या वे वैध हैं।
कैंथोला ने कहा कि कार्रवाई का उद्देश्य प्रदेश की सामाजिक और शैक्षिक संरचना को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना है, न कि किसी धर्म या समुदाय को लक्षित करना। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सब कुछ ठीक है, तो जांच से डरने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
इस पूरे मामले में अब दोनों पक्षों के बयानों के चलते राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है, और आगामी समय में यह विषय और चर्चा में आ सकता है।