उत्तराखंड में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वृद्धि को लेकर कांग्रेस सोशल मीडिया प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाना आम अभिभावकों के लिए अतिरिक्त आर्थिक दबाव का कारण बन रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
नेगी ने कहा कि कई अभिभावकों को फीस बढ़ोतरी के कारण अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने को मजबूर होना पड़ रहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार का निजी स्कूलों पर नियंत्रण नहीं दिखाई दे रहा और शिक्षा विभाग भी इस मामले में सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहा है।
विकास नेगी ने हाल ही में एक निजी स्कूल के बाहर अभिभावकों द्वारा किए गए प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे इस आंदोलन का समर्थन करते हैं और यदि आवश्यक हुआ तो आम जनता के साथ मिलकर वह भी आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने मांग की है कि स्कूल प्रबंधन अविलंब फीस वृद्धि को वापस ले।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्कूल हर साल पुस्तकें बदलने की नीति अपना रहे हैं, जिससे किताबों के नाम पर अभिभावकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। उनके अनुसार, स्कूल और प्रकाशकों के बीच कमीशन की व्यवस्था होने के कारण यह प्रवृत्ति बढ़ रही है।
नेगी ने शिक्षा निदेशालय और राज्य सरकार से इस विषय पर संज्ञान लेने की अपील की है, ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।