देहरादून: उत्तराखंड में खनन को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है, जिससे न केवल आम जनता प्रभावित हो रही है, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने सरकार से इस पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में धस्माना ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा में अवैध खनन से जुड़े मुद्दों को उठाया था, जिसमें उन्होंने खनन से जुड़े वाहनों की ओवरलोडिंग और इससे होने वाली दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। धस्माना ने इसे कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि बताते हुए कहा कि अब सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस मुद्दे पर क्या कदम उठा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक बाहरी कंपनी को खनिज रॉयल्टी काटने का अधिकार दिया गया है, जिससे निर्माण सामग्री की कीमतें बढ़ गई हैं और आम लोगों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि अवैध खनन से जुड़े कई वाहनों में एंबुलेंस, ई-रिक्शा और टू-व्हीलर के नंबर भी सामने आए हैं, जैसा कि कैग (CAG) की हालिया रिपोर्ट में दर्ज किया गया है।
इस मुद्दे पर सरकार की ओर से किसी मंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा जवाब न देने और एक अधिकारी द्वारा बयान जारी करने पर भी धस्माना ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह लोकसभा की कार्यवाही की अवमानना है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को स्वयं इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेंद्र शाह, प्रवक्ता डॉक्टर प्रतिमा सिंह, प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवाण और दिनेश कौशल भी मौजूद रहे। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आगे भी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।