निकाय चुनाव: भाजपा का संकल्प पत्र जारी, कांग्रेस ने उठाए सवाल

देहरादून, 15 जनवरी: उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना संकल्प पत्र जारी किया। हालांकि, इस पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने इसे जल्दबाजी में तैयार किया हुआ और अपर्याप्त करार देते हुए सवाल खड़े किए हैं।

"संकल्प पत्र जनता को आकर्षित करने में विफल"
गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा के संकल्प पत्र को "खोदा पहाड़, निकली चुहिया" बताते हुए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब निकाय चुनाव में भाजपा को संकल्प पत्र जारी करने की जरूरत महसूस हुई है। इससे साफ है कि पार्टी को अपनी स्थिति कमजोर नजर आ रही है और जनता का ध्यान खींचने के लिए संकल्प पत्र का सहारा लेना पड़ा है।


दसौनी ने आरोप लगाया कि संकल्प पत्र में कुछ भी ऐसा नहीं है जो स्थानीय जनता को नई उम्मीद दे सके। उन्होंने कहा, "नगर निगम के जो बुनियादी कार्य जैसे कूड़ा उठाने, सफाई व्यवस्था, और स्ट्रीट लाइट लगाने जैसे कार्य पहले से ही निगम की जिम्मेदारियों में शामिल हैं, उन्हें ही दोहराया गया है। संकल्प पत्र में बेहतर टाउन प्लानिंग, स्वच्छ जल, स्वच्छ हवा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर कोई स्पष्ट योजना नहीं दी गई है।"

"टिकट वितरण से जुड़ी नाराजगी?"
दसौनी ने यह भी दावा किया कि भाजपा के कई कार्यकर्ता और दावेदार टिकट वितरण से नाराज हैं, जिसके चलते प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि संभवतः यही कारण है कि भाजपा को जनता का ध्यान खींचने के लिए संकल्प पत्र का सहारा लेना पड़ा।

"जल्दबाजी में तैयार हुआ दस्तावेज़"
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा के संकल्प पत्र को "भानुमति का पिटारा" बताते हुए इसे विधानसभा और लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र का "कॉपी-पेस्ट" करार दिया। उन्होंने कहा, "इसमें दूरदर्शिता का अभाव है। स्थानीय विकास और पर्यावरण सुधार के लिए ठोस योजनाओं की कमी साफ नजर आती है। भाजपा को चाहिए था कि वह जनता को बताती कि शहरों को अधिक हरा-भरा बनाने और नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए क्या कदम उठाएगी।"

भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण चुनाव?
विपक्ष का दावा है कि भाजपा के इस संकल्प पत्र से पार्टी को निकाय चुनावों में कोई विशेष लाभ नहीं होगा। वहीं, भाजपा ने इसे शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास का खाका बताते हुए इसे "विकास की गारंटी" कहा है।

निकाय चुनावों के नजदीक आने के साथ, राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में जनता के सामने यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां किस तरह अपना पक्ष रखती हैं और कौन जनता का भरोसा जीतने में सफल होती है।

This article is based on a press release issued by the Indian National Congress. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.

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