महिला सुरक्षा को लेकर ज्ञापन देने जा रही उत्तराखंड क्रांति दल की उपाध्यक्ष नजरबंद, पुलिस घेरे में डीएम कार्यालय पहुंची कार्यकर्ता


देहरादून, 28 जनवरी 2025: उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की महिला इकाई द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने की योजना विवादों में घिर गई, जब पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमिला देवी को सुबह 9:00 बजे उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। इस कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया, जिन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया।

क्या है पूरा मामला?

यूकेडी की महिला इकाई ने प्रदेश में महिला सुरक्षा और हालिया घटनाओं पर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए डीएम कार्यालय जाने की योजना बनाई थी। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने प्रमिला देवी को उनके घर पर नजरबंद कर दिया।

जब अन्य कार्यकर्ता उन्हें मिलने पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें भी बाहर जाने से रोक दिया। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह महिलाओं की आवाज दबाने का प्रयास है और राज्य सरकार पर महिला विरोधी मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया।


पुलिस सुरक्षा में डीएम कार्यालय पहुंचीं कार्यकर्ता

कई घंटे तक नजरबंद रहने के बाद, दोपहर 4:00 बजे पुलिस सुरक्षा में कार्यकर्ताओं को डीएम कार्यालय ले जाया गया। इस दौरान पुलिस का पूरा दल वहां मौजूद रहा।

यूकेडी महिला इकाई ने इसे "शर्मनाक" घटना बताते हुए मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से जवाब मांगा है। उनका कहना है कि "जब महिलाओं की आवाज को इस तरह दबाया जाएगा, तो प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी?"

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति

इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। यूकेडी ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि महिलाओं की आवाज को दबाने के लिए इस तरह के कदम उठाए जाते रहेंगे, तो वे सड़कों पर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगी।

This article is based on a press release issued by the Uttrakhand Kranti Dal. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE

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