मलिन बस्तियों पर राजनीतिक संग्राम: भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

 
उत्तराखंड में मलिन बस्तियों के नियमितीकरण और पुनर्वास को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बस्तियों के निवासियों के साथ अन्याय और गुमराह करने का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के दावों को "भ्रम फैलाने का प्रयास" करार देते हुए खुद को मलिन बस्तियों की असली हितैषी बताया है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मलिन बस्तियों को लेकर सरकार की नीति अस्पष्ट और असंवेदनशील है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के हालिया आदेश के बाद हजारों परिवारों का भविष्य खतरे में है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बिष्ट ने भाजपा सरकार पर "कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर" गरीबों के घर उजाड़ने का आरोप लगाया और मांग की कि सरकार जल्द से जल्द इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे।

दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा सरकार मलिन बस्तियों के स्थायी समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। चौहान ने बताया कि सरकार ने तीन बार अध्यादेश लाकर बस्तियों को राहत दी है और नदियों की चौड़ाई तय करने के लिए हाइड्रोलॉजिकल सर्वे जैसे तकनीकी कदम उठाए हैं। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भू-परिवर्तन और बस्तियों के नियमितीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी बिना तकनीकी आधार के बयानबाजी कर रही है और संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बस्तियों के निवासियों को विकास योजनाओं से जोड़ा, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया, और उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया।

मुद्दे की जड़ में समाधान की तलाश

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच, उत्तराखंड की मलिन बस्तियों के निवासियों का भविष्य अनिश्चितता में लटका हुआ है। एनजीटी के आदेश के बाद, जहां बस्तीवासियों के घरों पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं सरकार का कहना है कि वह बस्तियों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है।

अब यह देखना होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच चल रही इस खींचतान का परिणाम बस्तीवासियों के पक्ष में कैसे निकलता है। सरकार के तकनीकी सर्वेक्षण और अध्यादेशों का भविष्य क्या होगा, यह भी समय ही बताएगा। फिलहाल, मलिन बस्तियों का मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र बन चुका है।

This article is based on a press release issued by the Bhartiya Janta Party. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.

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