मलिन बस्तियों पर संकट: कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

 

देहरादून, 10 जनवरी 2025

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने देहरादून में एक बयान जारी करते हुए राज्य सरकार पर मलिन बस्तियों के नियमितीकरण और पुनर्वास को लेकर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेशों का सहारा लेकर मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को गुमराह कर रही है।


एनजीटी का आदेश और बढ़ती चिंताएं

हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राज्य सरकार के मलिन बस्तियों को लेकर जारी अध्यादेश को खारिज कर दिया है। इस आदेश के बाद, खासतौर पर रिस्पना नदी के आसपास रहने वाले हजारों परिवारों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। एनजीटी ने अपने आदेश में साफ कहा है कि वह राज्य सरकार के अध्यादेश को मान्यता नहीं देगा, जिससे 13 फरवरी तक इन बस्तियों को हटाने की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।

शीशपाल सिंह बिष्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि सरकार न केवल मलिन बस्तियों के पुनर्वास और मुआवजे की बात को नजरअंदाज कर रही है, बल्कि उच्चतम न्यायालय में इस आदेश को चुनौती देने में भी असफल रही है। उन्होंने कहा, "तीन सप्ताह से सरकार को इस आदेश की जानकारी थी, लेकिन अब तक कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया। यह गरीब परिवारों को बेघर करने की एक सोची-समझी साजिश लगती है।"

बीजेपी सरकार पर निशाना

कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा सरकार और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी दावा कर रहे हैं कि मलिन बस्तियों पर कोई खतरा नहीं है, जबकि एनजीटी के आदेश के बाद यह स्पष्ट है कि यह झूठा प्रचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मंशा रखती है।

कांग्रेस की मांग

कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार:

  1. एनजीटी के आदेश के खिलाफ तुरंत उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करे।
  2. मलिन बस्तियों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोके।
  3. 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा पारित मलिन बस्तियों के कानून को लागू कर, इन बस्तियों का नियमितीकरण और पुनर्वास सुनिश्चित करे।

गरीबों के साथ कांग्रेस की प्रतिबद्धता

शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस गरीब और वंचित वर्ग के साथ खड़ी है। "सरकार को स्पष्ट नीति और मंशा के साथ आगे आकर गरीबों के घर बचाने का कदम उठाना चाहिए। हम किसी भी हालत में गरीबों को बेघर नहीं होने देंगे," उन्होंने कहा।

मलिन बस्तियों के निवासियों में इस आदेश के बाद असुरक्षा का माहौल बन गया है। अब यह देखना होगा कि सरकार उनकी चिंताओं को कैसे दूर करती है और उनके लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

This article is based on a press release issued by the Indian National Congress. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.

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