भोपाल, 24 दिसंबर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन को यादगार बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें अटलजी के नेतृत्व, उनके विचारों और उनके योगदान पर चर्चा की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा यह आयोजन पूरे देश में किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से बूथ स्तर पर अटलजी की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार विमर्श किया जाएगा।
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा है। उनका मानना था कि देश के समग्र विकास और प्रगति के लिए सुशासन और लोकतंत्र की मजबूती आवश्यक है। उनके नेतृत्व में भारत ने महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें कश्मीर नीति, परमाणु शक्ति परीक्षण, और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं। उनके कार्यकाल के दौरान भारत की विदेश नीति ने नई दिशा पकड़ी, और उन्होंने विश्व मंच पर भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत किया।
राजनीतिक दृष्टिकोण से अटलजी का योगदान भारतीय राजनीति को नई दिशा देने वाला रहा। उन्होंने गठबंधन राजनीति को बढ़ावा दिया और राष्ट्रीय राजनीति को समावेशी बनाने का प्रयास किया। उनका कार्यकाल न केवल उनके विचारों और कार्यों के कारण बल्कि उनके नेतृत्व की शैली के कारण भी याद किया जाता है।
अटलजी का जीवन संघर्ष, समर्पण और देश की सेवा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। वे हमेशा लोकतंत्र, समावेशिता और सहिष्णुता के पक्षधर रहे। उनके योगदान को देशभर में सम्मान और श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। इस दिन को मनाते हुए, हम उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हैं और उनके विचारों को साकार करने के लिए प्रेरित होते हैं।