भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा को लेकर विपक्ष पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, बंगाल में हो रही हिंसा पर चुप हैं, जो लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कांग्रेस नेता हरीश रावत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सनातन धर्म के प्रति उनकी कथनी और करनी में भारी विरोधाभास है।
महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा में पूरी तरह से संरक्षक की भूमिका निभा रही है। उन्होंने वक्फ संशोधन कानून के विरोध में विपक्षी दलों के रुख की भी आलोचना की और कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले वही लोग आज बंगाल में हो रही हिंसा पर चुप हैं।
भट्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की खामोशी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि जिन नेताओं को अन्याय पर बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ना होता, वे बंगाल में हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधे हुए हैं। प्रियंका गांधी, जो अक्सर सोशल मीडिया पर विभिन्न मुद्दों को लेकर सक्रिय रहती हैं, इस बार बंगाल में हो रहे हिंसा पर कुछ नहीं बोल रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने हरीश रावत की यात्रा पर भी टिप्पणी की और इसे 'राजनीतिक पाखंड' करार दिया। उनका कहना था कि हरीश रावत को जनता की समझ और राय का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि जनता सब कुछ देख और समझ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत को अपनी राजनीति पर विचार करना चाहिए, क्योंकि चुनावों में जनता अपने निर्णय से इसका आकलन करेगी।
महेंद्र भट्ट ने इस पूरी स्थिति को राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा और विपक्ष से आग्रह किया कि वे समाज में भाईचारे और शांति बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं।