देहरादून: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी में दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने इसे देश की संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया है।
भट्ट ने कहा कि देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है, विशेषकर तब जब उसी व्यवस्था के तहत राहुल गांधी स्वयं लोकसभा में विपक्ष के नेता बने हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों में बार-बार हार मिलने के बावजूद इस तरह की बयानबाज़ी से न केवल देश की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगता है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान, खासकर जब विदेशों में दिए जाते हैं, तो उनका असर केवल राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहता बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी प्रभावित करता है।
भट्ट ने राहुल गांधी के साथ उस वक्त मौजूद सैम पित्रोदा का भी उल्लेख किया और कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में दोनों पहले से ही आरोपों का सामना कर रहे हैं और जमानत पर हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या संवैधानिक संस्थाओं पर टिप्पणी करने का यह तरीका उचित है, विशेष रूप से तब जब देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे हों।
भाजपा का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा और संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखना सभी दलों की साझा जिम्मेदारी है और ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा जो इन संस्थाओं की साख को नुकसान पहुंचा सकता हो।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बयानबाज़ी के बीच एक बार फिर यह बहस तेज़ हो गई है कि राजनीतिक नेता विदेशों में भारत की छवि को लेकर किस तरह के वक्तव्य दें, और क्या इस पर किसी तरह की मर्यादा या सहमति की आवश्यकता है।