गंगा सम्मान यात्रा पर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने उठाए सवाल, कहा "सनातन के बिना आस्था अधूरी"


देहरादून: भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक विनोद चमोली ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की 'गंगा सम्मान यात्रा' पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे सनातन मूल्यों से जुड़ी आस्था के संदर्भ में निरर्थक करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक सनातन परंपराओं और मूल्यों का सम्मान नहीं किया जाएगा, तब तक गंगा जैसी पवित्र नदी के सम्मान की बात अधूरी मानी जाएगी।

विनोद चमोली ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की नीतियों और कार्यों में समुदाय विशेष के तुष्टिकरण की झलक रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की सरकार के दौरान कुछ फैसले, जैसे मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जुमे की नमाज़ की छुट्टी जैसी योजनाएं, तुष्टिकरण की नीति को दर्शाती हैं।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान चमोली ने यह भी कहा कि कांग्रेस के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री का ध्यान पार्टी संगठन को मजबूत करने की बजाय अपने परिवार और निकट संबंधियों को राजनीतिक रूप से स्थापित करने पर केंद्रित रहा है। उन्होंने इसे "राजनीतिक प्लेसमेंट एजेंसी" जैसा करार दिया।

विनोद चमोली ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता अब इन बातों से अनभिज्ञ नहीं है और चुनावी नतीजों से यह स्पष्ट होता है कि जनता ने कई मौकों पर इस असंतोष को जाहिर किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए कुछ बयानों को लेकर चमोली ने कहा कि यदि कांग्रेस आज झूठ का शिकार है, तो उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि स्टिंग ऑपरेशन में सामने आए पुराने मामलों पर पार्टी की क्या राय है।

राजनीतिक हलकों में इस बयान को कांग्रेस की 'गंगा सम्मान यात्रा' पर एक कड़ी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, वहीं यह भी माना जा रहा है कि राज्य की राजनीति में गंगा, आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़े मुद्दे आने वाले समय में और अधिक चर्चा में रह सकते हैं।


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