देहरादून। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और उनके पलायन का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने और भारत आने वाले शरणार्थियों को शरण देने की नीति पर जानकारी मांगी।
भट्ट ने अतारांकित प्रश्न संख्या 2327 के तहत विदेश मंत्रालय से सवाल किया कि पाकिस्तान में हिंसा और भेदभाव के चलते हिंदू समुदाय के लोग वहां से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या ये लोग पाकिस्तान के भीतर ही अन्य प्रांतों में जा रहे हैं या किसी अन्य देश में शरण ले रहे हैं। साथ ही, उन्होंने जानना चाहा कि भारत आने वाले हिंदू शरणार्थियों के प्रति सरकार का रुख क्या है।
विदेश राज्य मंत्री का जवाब
सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने सदन को बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, के खिलाफ अत्याचार की खबरें मिलती रहती हैं। इनमें धमकी, अपहरण, उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण और विवाह जैसी घटनाएं शामिल हैं, जिससे हिंदू परिवार पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कई पाकिस्तानी हिंदू इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं। जिन लोगों को वैध वीज़ा मिलता है, वे भारत आकर स्थायी निवास की मांग करते हैं। ऐसे शरणार्थियों को भारत में दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) दिया जाता है। सरकार मौजूदा प्रावधानों के तहत एलटीवी धारकों को भविष्य में नागरिकता देने पर विचार कर रही है।
धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण
सिंह ने स्पष्ट किया कि जो पाकिस्तानी हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आते हैं और यहां दीर्घकालिक वीज़ा प्राप्त करते हैं, वे नागरिकता के लिए पात्र हो सकते हैं। सरकार ऐसे शरणार्थियों के मामलों को मौजूदा नियमों के अनुसार देख रही है।
राज्यसभा में इस मुद्दे के उठने के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति और भारत में शरणार्थियों के अधिकारों को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
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