जोशीमठ/मलारी: उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की "संस्कृति बचाओ पदयात्रा" अपने आठवें दिन जोशीमठ से प्रारंभ होकर सीमांत गाँव मलारी में संपन्न हुई। यह यात्रा UCC के दो प्रमुख प्रावधानों—लिव-इन रिलेशनशिप को वैधता देने और एक वर्ष में बाहरी व्यक्ति को स्थायी निवासी बनाए जाने—के विरोध में निकाली गई थी।
यात्रा के संयोजक राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि यदि राज्य सरकार देवभूमि की संस्कृति को दूषित करने का प्रयास करेगी, तो उक्रांद राज्य निर्माण आंदोलन की तर्ज पर एक बड़े जनांदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में सरकार की नीतियों के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया और स्थानीय जनता के बीच संवाद कर इस कानून के संभावित दुष्परिणामों पर चर्चा की।
मलारी ग्राम सभा में जोरदार स्वागत
मलारी पहुँचने पर ग्राम सभा की जनता ने संस्कृति बचाओ पदयात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर बिष्ट ने कहा कि गुरुकुल नारसन से शुरू हुई इस यात्रा का उद्देश्य जनता को जागरूक करना है कि किस तरह बाहरी लोगों को एक वर्ष में स्थायी निवासी बनाने का कानून भविष्य में राज्य के युवाओं के रोजगार पर प्रभाव डाल सकता है।
यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सजवाण ने लिव-इन रिलेशनशिप प्रावधान को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि "भाजपा एक ओर सनातन संस्कृति की बात करती है, लेकिन दूसरी ओर ऐसे कानून लाकर सामाजिक व सांस्कृतिक पतन को बढ़ावा दे रही है।" उन्होंने जनता से इस कानून का अपने स्तर पर विरोध करने की अपील की।
"उत्तराखंड को प्रयोगशाला न बनाए सरकार"
यूकेडी के वरिष्ठ नेता पंकज व्यास ने कहा कि सरकार पहाड़ को ऐसे प्रयोगों की भूमि न बनाए, क्योंकि यह न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान के लिए खतरा है, बल्कि स्थानीय लोगों के अधिकारों पर भी आघात है।
वहीं, अंकिता भंडारी मामले को लेकर लगातार मुखर रहे यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी आशुतोष नेगी ने कहा कि इस यात्रा ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उक्रांद किसी भी सूरत में राज्य के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा।
UCC पर कोर्ट की सुनवाई और आगे की रणनीति
राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने UCC कानून पर 6 हफ्ते में राज्य सरकार से जवाब मांगा है, और उक्रांद इस लड़ाई को सड़क से लेकर अदालत तक मजबूती से लड़ेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक राष्ट्रीय स्तर का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें अन्य राजनीतिक दलों को भी शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष पंकज व्यास, प्रवक्ता आशुतोष नेगी, बी.पी. भट्ट, संजीव भट्ट, आशीष नेगी, प्रवीन रमोला, अर्जुन नेगी और भोला चमोली समेत कई अन्य नेता उपस्थित रहे।