देहरादून: उत्तर भारत के प्रमुख लोक पर्व लोहड़ी के अवसर पर करणपुर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में भव्य आयोजन किया गया। विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक और कांग्रेस के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने लोहड़ी की अग्नि प्रज्वलित की और उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दीं।
सूर्यकांत धस्माना ने लोहड़ी को शीतकाल की विदाई और नई फसल के स्वागत का प्रतीक पर्व बताया। उन्होंने कहा, "लोहड़ी उत्तर भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फसल की कटाई के बाद नई शुरुआत का प्रतीक है।"
पर्व के दौरान परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए लकड़ी और उपले जलाए गए। श्रद्धालुओं ने अग्नि की परिक्रमा कर रेवड़ी, मूंगफली और मक्के का प्रसाद वितरित किया, जिससे त्योहार का आनंद कई गुना बढ़ गया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश दूसेजा ने आयोजन की सफलता के लिए सभी क्षेत्रवासियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में सचिव सुभाष वासुदेव, पंडित अनूप चंदन, पंडित वाचस्पति डिमरी, सतीश दूसेजा, जनक राज, नरेश सहगल समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
लोहड़ी के पारंपरिक गीत "सुंदरी मुंदरी हो, तेरा कौन बेचारा हो" गाते हुए उपस्थित जनसमूह ने शीत ऋतु की विदाई और नई फसल के आगमन का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया।
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