देहरादून: वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में जारी बहस के बीच भाजपा ने इसे मुस्लिम समाज, विशेषकर गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए एक सकारात्मक पहल बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने इसे "संविधान के अनुरूप और जनकल्याणकारी" बताते हुए कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
भट्ट का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बनाए गए वक्फ कानूनों के कारण वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार मिल गए थे, जिससे कई बार संपत्तियों पर विवाद उत्पन्न हुए और न्याय की प्रक्रिया जटिल हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों के समय, कई वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ और उन पर अवैध कब्जे हो गए।
भाजपा नेता के अनुसार, वर्तमान सरकार ने इस संशोधन बिल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की जवाबदेही तय करने, पारदर्शिता लाने, और इन संपत्तियों का वास्तविक लाभ गरीब व पिछड़े वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्डों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और बोर्ड के अधिकार क्षेत्र को संविधान के अनुरूप लाने के उद्देश्य से यह संशोधन किया गया है।
भट्ट ने कहा कि इस बिल को तैयार करने में व्यापक प्रक्रिया अपनाई गई, जिसमें लगभग 96 लाख याचिकाओं पर विचार किया गया, 284 प्रतिनिधिमंडलों से सुझाव लिए गए, और संयुक्त संसदीय समिति में सभी राजनीतिक दलों और संबंधित पक्षों से चर्चा की गई।
विपक्ष द्वारा बिल पर की जा रही आलोचना को लेकर उन्होंने कहा कि यह विरोध तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को गुमराह करना है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्ति व्यक्तिगत नहीं होती, बल्कि समाज के कल्याण के लिए दान की गई होती है, और इसी भावना के अनुरूप संशोधन किए गए हैं।
भाजपा का दावा है कि इस बिल से किसी धार्मिक स्थल—जैसे मस्जिद, ईदगाह या कब्रिस्तान—को नुकसान नहीं पहुंचेगा, बल्कि इसका उद्देश्य केवल अवैध कब्जों पर रोक लगाना और वक्फ संपत्तियों का सामाजिक उपयोग सुनिश्चित करना है।
पार्टी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड समेत पूरे देश के गरीब मुस्लिम समाज में इस बिल को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।