उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ) राजेंद्र सिंह बिष्ट ने एक प्रेस वार्ता में विधानसभा में अवैध शैक्षणिक दस्तावेजों के माध्यम से अधिकारी पद पर नियुक्ति का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में मयंक सिंघल नामक अधिकारी को प्रथम श्रेणी राजपत्रित पद पर तैनात किया गया, जबकि उनके शैक्षणिक दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
शैक्षणिक दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल
केंद्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों में मयंक सिंघल की दसवीं की परीक्षा गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृंदावन, मथुरा से व्यक्तिगत माध्यम से उत्तीर्ण बताई गई है। लेकिन उत्तराखंड एसआईटी की जाँच में यह सामने आया कि इस विश्वविद्यालय से दसवीं परीक्षा व्यक्तिगत माध्यम से कराई ही नहीं जाती। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भी स्पष्ट किया कि गुरुकुल विश्वविद्यालय की 12वीं पंडित परीक्षा न तो पहले मान्य थी और न ही वर्तमान में मान्य है।
अनियमितताओं की ओर इशारा
उक्रांद नेताओं का कहना है कि जब मयंक सिंघल की दसवीं और बारहवीं की डिग्री पर ही प्रश्नचिह्न है, तो स्नातक की पढ़ाई किस आधार पर हुई? प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, उनका इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र दसवीं के प्रमाण पत्र से पहले जारी हुआ, जो कि एक गंभीर विसंगति है।
भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल
केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवाण ने कहा कि 2016 के भर्ती घोटाले की जाँच के लिए 2022 में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एक समिति गठित की गई थी, लेकिन जाँच समिति ने केवल 2015 के बाद की नियुक्तियों को रद्द किया। मयंक सिंघल, जो 2006 में उप प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे, इस कार्रवाई से बाहर रहे। उक्रांद का कहना है कि उनके रोजगार पंजीकरण की प्रक्रिया भी संदिग्ध है, क्योंकि समूह ‘ग’ के पदों के लिए स्थानीय निवासी और सेवा योजन कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य होता है।
कार्रवाई की माँग
राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृंदावन को देश के जाली विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किया है। ऐसे में इस विश्वविद्यालय से प्राप्त शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी पद पर नियुक्ति गंभीर विषय है। उन्होंने माँग की कि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच कराएँ और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।
उक्रांद का आंदोलन का ऐलान
बिष्ट ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उक्रांद विधानसभा में मयंक सिंघल के विरुद्ध उग्र आंदोलन करेगा और कानूनी कदम भी उठाएगा।
इस प्रेस वार्ता में उक्रांद के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें जय प्रकाश उपाध्याय, बृज मोहन सजवाण, किरण रावत, परवीन चंद रमोला, भोला दत्त चमोली, मनीष रावत, श्याम रमोला और अनूप बिष्ट शामिल थे।