संसद में वक्फ बोर्ड से संबंधित जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस पर कड़ा विरोध जताया, जबकि भाजपा ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन आवश्यक था, लेकिन विपक्ष चर्चा से बचते हुए सिर्फ हंगामा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने संविधान की भावना के खिलाफ जाकर वक्फ बोर्ड को अत्यधिक अधिकार दिए, जिससे यह भूमि विवादों का एक बड़ा कारण बन गया।
भट्ट ने बताया कि जब सरकार इस कानून में संशोधन के लिए बिल लेकर आई, तो विपक्ष ने जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाने की मांग की। सरकार ने इस पर सहमति जताई, लेकिन विपक्ष ने कमेटी की बैठकों में भी व्यवधान डाला।
उन्होंने विपक्ष पर रिपोर्ट को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट में किसी भी पक्ष को हटाया नहीं गया है। बावजूद इसके विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा किया और रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया।
संसद में हुई इस बहस ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। भाजपा जहां इसे कानून सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अस्वीकार्य बताते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए है।
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