रानीपोखरी-ऋषिकेश सड़क चौड़ीकरण को लेकर राज्यसभा में उठी मांग, स्वामित्व योजना के तहत अब तक 2.42 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी


देहरादून। राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रानीपोखरी-ऋषिकेश सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा उच्च सदन में उठाया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी कि देहरादून जिले में यातायात सुधार के लिए इस मार्ग के विस्तार को लेकर क्या योजना बनाई गई है।

एनएच-7 का होगा चार और छह लेन विस्तार
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने जवाब में बताया कि कांवड़ यात्रा, चारधाम यात्रा और अन्य अवसरों पर भानियावाला-रानीपोखरी-ऋषिकेश मार्ग (एनएच-7 तक स्पर) पर यातायात का दबाव काफी बढ़ जाता है। इस मार्ग की कुल लंबाई 19.78 किलोमीटर है, जिसमें से 11.89 किलोमीटर बिना पेव्ड शोल्डर के 4-लेन और शेष 7.89 किलोमीटर 2-लेन का है।

यातायात को सुगम बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एनएच-7 के भानियावाला-जौलीग्रांट-ऋषिकेश स्पर खंड को चौड़ा करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के तहत:

  • 3.85 किलोमीटर सड़क को 6-लेन किया जाएगा।

  • शेष 15.93 किलोमीटर को पेव्ड शोल्डर सहित 4-लेन बनाया जाएगा।

स्वामित्व योजना के तहत अब तक 2.42 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी
राज्यसभा में भट्ट ने पंचायती राज मंत्रालय से "गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण" (स्वामित्व) योजना की प्रगति पर भी जानकारी मांगी।

पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि 13 मार्च 2025 तक स्वामित्व योजना के तहत 1.61 लाख गांवों में कुल 2.42 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।

इन राज्यों में योजना का कार्यान्वयन शिथिल
हालांकि, कुछ राज्यों में अब तक योजना का कार्यान्वयन नहीं हो पाया है:

  • पूर्ण रूप से लंबित राज्य: पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड, मेघालय (पूर्व में समानांतर प्रक्रिया के कारण) और चंडीगढ़ (शून्य ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण)।

  • सीमित पायलट कार्यान्वयन वाले राज्य: तमिलनाडु, तेलंगाना, सिक्किम।

  • कार्यान्वयन निलंबित राज्य: झारखंड, मणिपुर।

  • सीमित कवरेज वाले राज्य: ओडिशा, असम।

सरकार का लक्ष्य है कि स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण संपत्तियों का व्यवस्थित दस्तावेजीकरण कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए।


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