उत्तराखंड क्रांति दल ने यूसीसी का किया विरोध, राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने प्रदेश में लागू किए गए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में यूकेडी के निवर्तमान युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने इस कानून को राज्य की सांस्कृतिक पहचान और मूल निवासियों के अधिकारों के लिए खतरा बताया।

बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने लंबे संघर्ष और 42 से अधिक शहादतों के बाद अलग राज्य का गठन करवाया था। यह संघर्ष केवल एक राज्य बनाने के लिए नहीं था, बल्कि अपनी संस्कृति, समाज और परंपराओं को सुरक्षित रखने के लिए भी था। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने यूसीसी लागू कर मूल निवासियों के अधिकारों को कमजोर करने का काम किया है।

यूकेडी नेताओं ने यूसीसी के उस प्रावधान पर विशेष आपत्ति जताई, जिसमें लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी गई है। उनका तर्क है कि इस प्रावधान से बाहरी लोगों को राज्य में स्थायी निवासी बनने का अवसर मिलेगा, जिससे स्थानीय युवाओं के रोजगार और भूमि अधिकारों पर खतरा मंडराने लगेगा।


यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवाण ने सवाल उठाया कि अगर यह कानून सभी धर्मों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है, तो इसे केवल उत्तराखंड में ही क्यों लागू किया गया? उन्होंने इसे मूल निवास नीति और भू-कानून को कमजोर करने की साजिश करार दिया।

केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड को देश का पहला यूसीसी लागू करने वाला राज्य बनाकर मुख्यमंत्री धामी ने केवल अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया है, जबकि अन्य किसी भी राज्य ने इसे अभी तक लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि यह कानून वाकई जनहित में होता, तो इसे पूरे देश में एक साथ लागू किया जाता।

यूकेडी नेताओं ने ऐलान किया कि वे इस कानून के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे और राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे। इसके तहत पार्टी 'गुरुकुल नारसन से नीति मलारी' तक यात्रा निकालने जा रही है, जिसमें जनता से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है।

प्रेस वार्ता में केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवाण, यात्रा संयोजक राजेंद्र सिंह बिष्ट, दिनेश नेगी, आशुतोष नेगी, भोला प्रसाद चमोली, परवीन चंद रमोला, मनीष रावत, प्रकाश भट्ट, निषित मनराल, सुमित डंगवाल, के एल शाह और जितेंद्र सिंह सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।

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