उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने पर भाजपा का दावा: "देवभूमि के लिए गौरवशाली क्षण"

देहरादून। भाजपा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने को देवभूमि वासियों के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण बताया। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि यह कानून धर्म, जाति और परंपरा के आधार पर भेदभाव को समाप्त करेगा और उत्तराखंड को "मॉडल स्टेट" के रूप में स्थापित करेगा।


यूसीसी का महत्व और उद्देश्य

किशोर उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर इस ऐतिहासिक कदम की शुरुआत हो रही है। यूसीसी शादी, तलाक, संपत्ति, और पारिवारिक कानूनों को समान बनाएगा और समाज में एकता और समानता को बढ़ावा देगा। उन्होंने इसे "मातृ शक्ति के सशक्तिकरण" का भी प्रतीक बताया, जिसमें पुरुषों और महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार देने का प्रावधान है।

महिलाओं के लिए प्रमुख प्रावधान

  1. पैतृक संपत्ति में समान अधिकार: महिलाओं को उत्तराधिकार मामलों में पुरुषों के समान अधिकार दिए गए हैं।
  2. बहुविवाह और तीन तलाक पर रोक: बहुविवाह, बहुपतित्व, हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी प्रथाओं को पूरी तरह अमान्य कर दिया गया है।
  3. तलाक प्रक्रिया में बदलाव: तलाक के मामलों को छह महीने के भीतर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।

डिजिटलीकरण और पारदर्शिता

यूसीसी के तहत प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया गया है, जिसमें विवाह पंजीकरण, इच्छापत्र संशोधन, और अन्य आवेदन ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

  • विवाह पंजीकरण: यह अनिवार्य होगा और 27 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों के लिए केवल सूचना देना पर्याप्त होगा।
  • कॉमन सर्विस सेंटर (CSC): आवेदन की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए सीएससी का उपयोग किया जाएगा।

यूसीसी के चार प्रमुख भाग

  1. विवाह
  2. उत्तराधिकार
  3. लिव-इन संबंध
  4. मिश्रित प्रावधान
    इसके तहत 7 अध्याय और 392 धाराओं को शामिल किया गया है, जो मौजूदा हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, और मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लीकेशन एक्ट को प्रतिस्थापित करेंगे।

जनजातीय समाज पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब

कांग्रेस द्वारा जनजातीय समुदायों को यूसीसी में शामिल न करने के आरोपों का जवाब देते हुए उपाध्याय ने कहा कि एसटी क्षेत्रों के कुछ अधिकार केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं, जिसके कारण कानूनी बाध्यताएं हैं। भविष्य में यदि जनजातीय समुदाय सहमत होगा, तो उन्हें शामिल करने पर विचार किया जाएगा।

भविष्य की संभावनाएं

किशोर उपाध्याय ने कहा कि यूसीसी को अनुभव के आधार पर और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उत्तराखंड से इस ऐतिहासिक शुरुआत ने पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश की है।

इस अवसर पर प्रदेश सहमीडिया प्रमुख राजेंद्र नेगी और प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक भी उपस्थित रहीं। भाजपा ने इसे प्रदेश और देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली कदम बताया है।

/This article is based on a press release issued by the Bhartiya Janta Party. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.

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