निकाय चुनाव: मतदाता सूची विवाद पर आरोप-प्रत्यारोप, कांग्रेस-भाजपा में टकराव - जाने पूरी खबर।

उत्तराखंड निकाय चुनावों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके परिवार के मतदाता सूची में नाम गायब होने के कांग्रेस के आरोप ने राजनीतिक हलचल मचा दी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जिला निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि रावत और उनके परिवार को मताधिकार से वंचित किया गया। वहीं, भाजपा ने इसे "कांग्रेसी प्रोपेगेंडा" करार देते हुए, कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

कांग्रेस का आरोप: मतदाता सूची से नाम गायब

कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हरीश रावत और उनकी पत्नी, जो वरिष्ठ नागरिक हैं, मतदान के दिन अपना नाम मतदाता सूची में खोजने के लिए परेशान होते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला निर्वाचन आयोग ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में चूक की। माहरा ने कहा, "चुनाव आयोग का दायित्व है कि मतदाताओं को मतदान से पूर्व उनकी स्लिप पहुंचाई जाए। लेकिन रावत जी को यह सुविधा नहीं दी गई। दिनभर अधिकारियों को फोन करने और अपना नाम ढूंढने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिला। यह प्रशासनिक विफलता है।"


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कांग्रेस ने अन्य क्षेत्रों से भी ऐसी घटनाओं की शिकायत की, जहां मतदाताओं को मतदान से रोका गया। उन्होंने दावा किया कि धर्मपुर, भगवानपुर, और डोईवाला जैसे क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन ने कतार में खड़े मतदाताओं को बल प्रयोग कर मतदान से वंचित किया।

भाजपा का पलटवार: कांग्रेस के आरोप झूठे

भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को "झूठ का पुलिंदा" बताते हुए पलटवार किया। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, "हरीश रावत और उनके परिवार का नाम विधिवत रूप से मतदाता सूची में दर्ज है। यह केवल कांग्रेस का प्रोपेगेंडा है, जो चुनावी सहानुभूति बटोरने के लिए फैलाया गया।"

चौहान ने कहा कि कांग्रेस को अपनी ही गलतियों का एहसास नहीं है। उन्होंने दावा किया कि रावत परिवार ने मतदान के प्रति जागरूकता नहीं दिखाई, यहां तक कि उनके पार्षद प्रत्याशी को भी सूची की जानकारी नहीं थी। चौहान ने कहा, "कांग्रेस की यह हरकत उनकी राजनीतिक हताशा और गैरजिम्मेदाराना रवैये को दर्शाती है।"

हरीश रावत का नाम सूची में, तस्वीर से उठे सवाल

यह तस्वीर स्पष्ट रूप से हरीश रावत का नाम 2024 की नगर निर्वाचक नामावली में दर्ज होने को दर्शाती है। इस संदर्भ में किए गए दावों को भ्रामक माना जा सकता है, क्योंकि मतदाता सूची में नाम को लेकर कोई चूक नहीं हुई है।

तस्वीर ने खोली पोल

भाजपा ने एक तस्वीर प्रस्तुत की, जिसमें रावत का नाम मतदाता सूची में दर्ज दिखाया गया। इस साक्ष्य के बाद कांग्रेस के आरोपों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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