देहरादून, 6 जनवरी 2025: देहरादून नगर निगम के मेयर पद के लिए भाजपा ने सौरभ थपलियाल को मैदान में उतारकर युवा वर्ग को साधने का दांव खेला है। युवा चेहरे के चयन से पार्टी के भीतर और बाहर चर्चा तेज हो गई है, और यह फैसला युवाओं के बीच जोश का संचार करता दिख रहा है।
सौरभ थपलियाल, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में अपनी प्रभावशाली भूमिका के लिए जाने जाते हैं, पार्टी के लिए एक युवा और निष्ठावान विकल्प साबित हो सकते हैं। उनके समर्थन में ABVP और युवा मोर्चा के पुराने दिग्गज कार्यकर्ता एकजुट हो गए हैं, जो न केवल भाजपा के लिए बल्कि उनके प्रचार अभियान के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
युवाओं के लिए प्रेरणादायक छवि
सौरभ थपलियाल की राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू हुई। वे डीएवी कॉलेज, देहरादून में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पहले अध्यक्ष बने और लगातार दो बार चुनाव जीतकर इतिहास रचा। 1999 में महासचिव और 2000 में अध्यक्ष पद पर रिकॉर्ड मतों से उनकी जीत ने डीएवी में परिषद की मजबूत नींव रखी। उनकी सफलता के बाद, डीएवी में अध्यक्ष पद पर विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवारों ने जीत का सिलसिला जारी रखा।
युवाओं के बीच अपनी प्रभावशाली पकड़ के कारण, सौरभ ने परिषद से भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर तय किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और सक्रियता ने उन्हें भाजपा के एक उभरते युवा चेहरे के रूप में स्थापित किया है।
सोशल मीडिया पर समर्थन की लहर
सौरभ थपलियाल की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके समर्थन में पोस्ट और प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। खासतौर पर युवा वर्ग, जो लंबे समय से राजनीति में सक्रिय नहीं था, अब सौरभ के समर्थन में लामबंद हो रहा है।
भाजपा की रणनीति और सौरभ का प्रभाव
भाजपा ने सौरभ थपलियाल को टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी निष्ठावान और युवा कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने में विश्वास रखती है। यह कदम न केवल युवा वर्ग को पार्टी से जोड़ने की कोशिश है बल्कि पार्टी के भीतर नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास भी है।
ABVP और युवा मोर्चा के कार्यकर्ता सौरभ की उम्मीदवारी के समर्थन में सक्रिय प्रचार अभियान चला रहे हैं। पुराने और नए कार्यकर्ताओं का यह एकजुट होना सौरभ की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक पकड़ का प्रमाण है।
निकाय चुनाव में युवा चेहरों की अहमियत
सौरभ थपलियाल की उम्मीदवारी ने निकाय चुनावों में युवाओं की भूमिका को लेकर नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। भाजपा के इस कदम को विपक्षी दलों के लिए चुनौती माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सौरभ की उम्मीदवारी किस हद तक भाजपा की रणनीति को सफल बनाती है और यह चुनावी परिणामों पर कैसा प्रभाव डालती है।
This article is based on a press release issued by the Bhartiya Janta Party. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.