भाजपा में अनुशासन की नीति पर सवाल, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का महेंद्र भट्ट पर तंज

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा बागी उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने की चेतावनी को कठघरे में खड़ा करते हुए इसे 'दोहरे मापदंड' करार दिया। उन्होंने भाजपा के भीतर अनुशासन और पारदर्शिता की नीति पर गंभीर सवाल उठाए।

दसौनी ने भाजपा नेताओं पर कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाते हुए कहा, "जब मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे, उद्यान विभाग में करोड़ों के घोटाले की पुष्टि हुई थी, और रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल को जिंदा कारतूसों के साथ पकड़ा गया था, तब पार्टी का अनुशासन कहां था?"


उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में रसूखदार नेताओं और सामान्य कार्यकर्ताओं के लिए अलग-अलग नियम हैं। "पार्टी का अनुशासन छोटे कार्यकर्ताओं तक ही सीमित है। बड़े नेताओं पर कार्रवाई न होना इस भेदभाव को स्पष्ट करता है, और इसी वजह से कार्यकर्ता अब पार्टी के फैसलों का खुलकर विरोध कर रहे हैं," दसौनी ने कहा।

महेंद्र भट्ट के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उन्होंने तंज कसा, "क्या भट्ट अनुशासन का डंडा चलाने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि उनका अध्यक्ष पद से हटना तय है और वे बड़े नेताओं से अपने रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहते?"

दसौनी के इन आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

This article is based on a press release issued by the Indian National Congress. While GNN has adapted the content for journalistic clarity and neutrality, the information and views presented originate from the press release. For More info, CLICK HERE.

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