देहरादून: कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी और बद्रीनाथ के विधायक लखपत सिंह बुटोला ने हाल की आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र में आपदा ने कई स्कूलों, स्वास्थ्य सेवाओं और सड़क परिवहन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है, और इसी प्रकार की समस्याएं प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रही हैं।
लखपत बुटोला ने बताया कि उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रश्न लगाए थे, लेकिन न तो उनका जवाब मिला और न ही इस पर कोई चर्चा संभव हो पाई। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि आपदा की स्थिति का पूरा आकलन किया जाए और प्रभावित लोगों को त्वरित राहत प्रदान की जाए। साथ ही, आपदा के मानकों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि समय पर समुचित सहायता मिल सके।
उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान आपदा पर चर्चा का अभाव बताते हुए कहा कि यदि सत्र की अवधि लंबी होती, तो वे इस मुद्दे को अधिक प्रभावी तरीके से उठाते। लेकिन संक्षिप्त सत्र के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया।
लखपत बुटोला ने जोशीमठ आपदा के संबंध में भी सवाल उठाए और पूछा कि जोशीमठ आपदा के लिए आवंटित धनराशि का अभी तक उपयोग क्यों नहीं हुआ है और लोगों की समस्याओं का समाधान क्यों नहीं किया गया है। उन्होंने विधानसभा में इस पर सवाल उठाए थे, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश की सरकार की मिसाल पेश करते हुए कहा कि वहां की सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद के सदस्यों और कांग्रेस विधायकों ने अपने वेतन और भत्तों को आपदा प्रबंधन के लिए दान किया है। उसी तर्ज पर, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उनके वेतन और भत्तों की बढ़ी हुई राशि को अगले 6 महीनों तक आपदा प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाए। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री और अन्य विधायकों से भी अनुरोध किया कि वे अपनी बढ़ी हुई वेतन भत्तों को आपदा राहत के लिए छोड़ दें। इससे आपदा प्रभावितों को बड़ी मदद मिल सकेगी और प्रशासन को आपदा प्रबंधन में सहायता होगी।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, वरिष्ठ नेता राजेंद्र दानू और पोखरी प्रधान संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र राणा भी उपस्थित रहे।